Shiksha - From Sister to another sister (शिक्षा)
Shiksha (शिक्षा)
गुल खिले गुलशन खिले, और खिले गुलदस्ते ।
शिक्षा पढ़ने से पहले आप सबको मेरा नमस्ते ।
बहुत दिनों से सोच रही थी, बहना को क्या उपहार दूँ ।
शादी के दिन सोचा, क्यों ना शिक्षा का उपहार दूँ ।
बुलबुल को चमन, चमन को बुलबुल मुबारक हो ।
रेणू को कृष्ण, कृष्ण को रेणू मुबारक हो ।
दो फूल खिले, दो नयन मिले, दो सपनो ने श्रृंगार किया,
दो दूर-दूर के मुसाफिरों ने संग रहना स्वीकार किया ।
भरा हुआ है मिलन, कमल के इन तारो में,
दीदी और जीजू की जोड़ी बानी है हज़ारो में ।
पति रूप में श्याम तेरे, सो पति नहीं भगवान हैं,
तुम इनकी आज्ञा में रहना, यह तुम्हारी आन और शान है ।
ऐ दुनिया वालो क्या फूल खिलते हैं मुरझाने के लिए,
क्या लड़कियां बड़ी होती हैं पराये घर जाने के लिए ।
आंसू मत बहा तुम्हारा ज़ोर नहीं चलेगा,
तुम्हारे कहने से ना दुनिया का दस्तूर टलेगा ।
बना दस्तूर दुनिया का निभाना पड़ेगा,
किसी को अपना बनाने के लिए हार गले में पहनाना पड़ेगा ।
जीजा जी दीदी पली है लाडो में, यह बिलकुल भोली-भाली,
हम सबकी बिनती है, करना इनकी रखवाली ।
जिसको अपना कहते थे, वही आज मेहमान बनी,
वर्षो की जानी पहचानी, आज तुम अनजान बनी ।
यह सन्देश पिता और भाइयों का प्रिय बेहेन तुम स्वीकार करो,
तुम दोनों परिवारों में ख़ुशी जीवन का भण्डार भरो ।
मेरे उपदेशो पर जो ध्यान करोगी,
तो दोनों फूलो की मर्यादा ऊँची करोगी ।
[फैमिली नाम] कुल से दी गई शिक्षा का प्रकाश दिखा देना,
जो यह शिक्षा दी गई है, बहना आँचल में इसे छिपा लेना ।
लिखा प्रदेश किस्मत में, वतन को याद क्या करना,
जहाँ बेदर्द हकीम हो, वहाँ फ़रियाद क्या करना ।
बहना आज बिछुड़ना तेरा, हमसे सहा नहीं जाता,
जो कुछ उठता है मन में, मुख से कहा नहीं जाता ।
फूल खिलते हैं गुलशन में, गुलज़ार बनकर,
शादी मुबारक हो, फूलो का हार बनकर ।
पिता के घर क छोड़ पति के घर जाना है,
बहना तुझे इस संसार में नया घर बसाना है ।
सास-ससुर के आगे तुम ज़ुबान ना अपनी खोलना,
वो भले ही सख्त बोले, तुम मीठा ही बोलना ।
दुनिया ने देखो यह कैसी रीत बनाई है,
माता-पिता के साथ लिख दी बेटी की जुदाई है ।
जिसको अपना समझा था, आज वो बेगाना देश हुआ,
तेरे लिए प्यारी बहना, बाबुल का घर प्रदेश हुआ ।
नाज़ो से पली बेटी का परिवार देता आज बधाई है,
जिस माँ ने तुझे जनम दिया, वो हुई आज पराई है ।
माता तेरी प्यारी बेटी आज छम-छम नीर बहाती है,
अपनी पाली हुई बेटी, विदा नहीं की जाती है ।
भैया तेरी बहना आज फूली नहीं समाती है,
तेरे जीजू को देखकर मन-ही-मन मुस्कुराती है ।
बिदाई का वक्त आया है आज,
हमको भूल ना जाना तुम ।।
गुल खिले गुलशन खिले, और खिले गुलदस्ते ।
शिक्षा पढ़ने से पहले आप सबको मेरा नमस्ते ।
बहुत दिनों से सोच रही थी, बहना को क्या उपहार दूँ ।
शादी के दिन सोचा, क्यों ना शिक्षा का उपहार दूँ ।
बुलबुल को चमन, चमन को बुलबुल मुबारक हो ।
रेणू को कृष्ण, कृष्ण को रेणू मुबारक हो ।
दो फूल खिले, दो नयन मिले, दो सपनो ने श्रृंगार किया,
दो दूर-दूर के मुसाफिरों ने संग रहना स्वीकार किया ।
भरा हुआ है मिलन, कमल के इन तारो में,
दीदी और जीजू की जोड़ी बानी है हज़ारो में ।
पति रूप में श्याम तेरे, सो पति नहीं भगवान हैं,
तुम इनकी आज्ञा में रहना, यह तुम्हारी आन और शान है ।
ऐ दुनिया वालो क्या फूल खिलते हैं मुरझाने के लिए,
क्या लड़कियां बड़ी होती हैं पराये घर जाने के लिए ।
आंसू मत बहा तुम्हारा ज़ोर नहीं चलेगा,
तुम्हारे कहने से ना दुनिया का दस्तूर टलेगा ।
बना दस्तूर दुनिया का निभाना पड़ेगा,
किसी को अपना बनाने के लिए हार गले में पहनाना पड़ेगा ।
जीजा जी दीदी पली है लाडो में, यह बिलकुल भोली-भाली,
हम सबकी बिनती है, करना इनकी रखवाली ।
जिसको अपना कहते थे, वही आज मेहमान बनी,
वर्षो की जानी पहचानी, आज तुम अनजान बनी ।
यह सन्देश पिता और भाइयों का प्रिय बेहेन तुम स्वीकार करो,
तुम दोनों परिवारों में ख़ुशी जीवन का भण्डार भरो ।
मेरे उपदेशो पर जो ध्यान करोगी,
तो दोनों फूलो की मर्यादा ऊँची करोगी ।
[फैमिली नाम] कुल से दी गई शिक्षा का प्रकाश दिखा देना,
जो यह शिक्षा दी गई है, बहना आँचल में इसे छिपा लेना ।
लिखा प्रदेश किस्मत में, वतन को याद क्या करना,
जहाँ बेदर्द हकीम हो, वहाँ फ़रियाद क्या करना ।
बहना आज बिछुड़ना तेरा, हमसे सहा नहीं जाता,
जो कुछ उठता है मन में, मुख से कहा नहीं जाता ।
फूल खिलते हैं गुलशन में, गुलज़ार बनकर,
शादी मुबारक हो, फूलो का हार बनकर ।
पिता के घर क छोड़ पति के घर जाना है,
बहना तुझे इस संसार में नया घर बसाना है ।
सास-ससुर के आगे तुम ज़ुबान ना अपनी खोलना,
वो भले ही सख्त बोले, तुम मीठा ही बोलना ।
दुनिया ने देखो यह कैसी रीत बनाई है,
माता-पिता के साथ लिख दी बेटी की जुदाई है ।
जिसको अपना समझा था, आज वो बेगाना देश हुआ,
तेरे लिए प्यारी बहना, बाबुल का घर प्रदेश हुआ ।
नाज़ो से पली बेटी का परिवार देता आज बधाई है,
जिस माँ ने तुझे जनम दिया, वो हुई आज पराई है ।
माता तेरी प्यारी बेटी आज छम-छम नीर बहाती है,
अपनी पाली हुई बेटी, विदा नहीं की जाती है ।
भैया तेरी बहना आज फूली नहीं समाती है,
तेरे जीजू को देखकर मन-ही-मन मुस्कुराती है ।
बिदाई का वक्त आया है आज,
हमको भूल ना जाना तुम ।।
Ye complete nhi lgti
ReplyDeletePlease reply
DeleteYe incomplete h please ise Pura kro
DeleteJa incomplete ha plz pura kro
DeletePlease provide complete version of this
ReplyDeleteSahi hai bhai ye bhi
ReplyDeletePlease provide complete version please 🙏🙏bhut he achi ha je please puri dal do 🙏❣️
ReplyDeleteIt is complete from my end. I can see many of you feel it is incomplete, kindly share your suggestions.
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