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Shiksha - From Sister to another sister (शिक्षा)

Shiksha (शिक्षा) गुल खिले गुलशन खिले, और खिले गुलदस्ते । शिक्षा पढ़ने से पहले आप सबको मेरा नमस्ते ।  बहुत दिनों से सोच रही थी, बहना को क्या उपहार दूँ । शादी के दिन सोचा, क्यों ना शिक्षा का उपहार दूँ । बुलबुल को चमन, चमन को बुलबुल मुबारक हो । रेणू को कृष्ण, कृष्ण को रेणू मुबारक हो । दो फूल खिले, दो नयन मिले, दो सपनो ने श्रृंगार किया, दो दूर-दूर के मुसाफिरों ने संग रहना स्वीकार किया । भरा हुआ है मिलन, कमल के इन तारो में, दीदी और जीजू की जोड़ी बानी है हज़ारो में । पति रूप में श्याम तेरे, सो पति नहीं भगवान हैं, तुम इनकी आज्ञा में रहना, यह तुम्हारी आन और शान है । ऐ दुनिया वालो क्या फूल खिलते हैं मुरझाने के लिए, क्या लड़कियां बड़ी होती हैं पराये घर जाने के लिए । आंसू मत बहा तुम्हारा ज़ोर नहीं चलेगा, तुम्हारे कहने से ना दुनिया का दस्तूर टलेगा । बना दस्तूर दुनिया का निभाना पड़ेगा, किसी को अपना बनाने के लिए हार गले में पहनाना पड़ेगा । जीजा जी दीदी पली है लाडो में, यह बिलकुल भोली-भाली, हम सबकी बिनती है, करना इनकी रखवाली । जिसको अपना कहते थे, वही आज मेहमान बनी...